कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ
Computer Generations
कम्प्यूटर का विकास बहुत लम्बे समय एवं जटिलताओं में हुआ । इसकी विकास यात्रा को विभिन्न पीढ़ियों में विभाजित किया गया है । यह पीढ़ियाँ कम्प्यूटर की तकनीकी अथवा हार्डवेयर में आये परिवर्तन पर आधरित हैं । ये पीढ़ियाँ निम्नलिखित हैं -
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1. शून्य पीढ़ी ( Zeroth generation ) - इस पीढ़ी का समय अन्तराल
सन् 1642 से 1945 तक माना गया है । इस समय अन्तराल में बने सभी कम्प्यूटर शून्य पीढ़ी में आते हैं ।
यह कम्प्यूटर यांत्रिक कंप्यूटर ( Mechanical computer ) कहलाते थे । इस पीढ़ी में कम्प्यूटर की मूल संरचना प्राप्त हुई थी ।
डाटा के संग्रहण ( Stor ) , आगमन - निर्गमन ( Input outputy
पंच कार्ड द्वारा होता था ।
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वीडियो क्लास : कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ
इस पीढ़ी में ही कम्प्यूटर का प्रथम प्रोग्राम लेडी एडा अगस्ता लव लेस ( Lady Ada Augsta Love Lace ) द्वारा असेम्बली भाषा में लिखा था । इस पीढ़ी के मुख्य कम्प्यूटर में
पास्कल की मशीन , डिफरेन्स इंजन , एनालिटिकल इंजन , मार्की तथा मार्क II हैं ।
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यांत्रिक कंप्यूटर |
2. प्रथम पीढ़ी ( First generation ) - इस पीढ़ी का समय अन्तराल
सन् 1945 से सन् 1955 तक माना गया है । इस पीढ़ी में
इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर्स का निर्माण किया गया । कम्प्यूटर सर्किट निर्माण के लिये
निर्वात् बल्बों ( Vacume tubes ) का प्रयोग किया गया ।
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निर्वात् बल्बों ( Vacume tubes ) |
यह इस पीढ़ी का मुख्य हार्डवेयर था । इस पीढ़ी के कम्प्यूटर आकार में अत्यन्त विशाल , बहुत भारी तथा संचार में अति जटिल होते थे तथा यह कम्प्यूटर विश्वसनीय भी नहीं थे क्योंकि निर्वात् बल्ल कभी भी फ्यूज हो सकते थे । इनकी देखरेख पर अत्यधिक व्यय तथा चलाने में अत्यधिक बिजली की खपत होती थी ।इस पोढ़ी में ही
आधुनिक डिजिटल कम्प्यूटर का मूल डिजाइन वॉन न्यूमैन मशीन के रूप में प्राप्त हुआ था । इस पीढ़ी के मुख्य कम्प्यूटर
ENIAC , UNIVAC , ADVAC , 701 एवं 702 हैं ।
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प्रथम पीढ़ी ( First generation ) computer |
3. द्वितीय पीढ़ी ( Second generations ) - इस पीढ़ी में कम्प्यूटर में निर्वात् बल्बों के स्थान पर एक नये हार्डवेयर
ट्रान्जिस्टर का प्रयोग किया गया था ।
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ट्रान्जिस्टर |
ट्रान्जिस्टर अधिक विश्वसनीय एवं छोटे आकार की युक्ति थी । इसके प्रयोग से कम्प्यूटर का वजन एवं आकार अत्यधिक कम हुआ तथा
अन्तराल 1955 से 1965 तक रहा । इस पीढ़ी में
उच्चस्तरीय भाषाओं ( Highlable languages ) , मैग्नेटिक टेप एवं मैग्नेटिक डिस्क का निर्माण हुआ ।
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मैग्नेटिक टेप एवं मैग्नेटिक डिस्क |
इस पीढ़ी के प्रमुख कम्प्यूटरों में PDP - 1 , PDP - 8,7090 एवं 6600 हैं ।
मिनी कम्प्यूटर का जन्म भी इसी पीढ़ी में ही हुआ था ।
( कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ )computer ki pidiya in hindi
4. तृतीय पीढ़ी ( Third generation ) - इस पीढ़ी का समयान्तराल
सन् 1965 से 1975 तक माना जाता है । इस पीढ़ी में
इन्टीग्रेटेड सर्किट ( Intigrated circuit ) नामक हार्डवेयर का आविष्कार हुआ ।
( कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ )
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इन्टीग्रेटेड सर्किट ( Intigrated circuit ) |
इसे संक्षिप्त में
I.C. तथा चिप भी कहते हैं । यह एक छोटी सी सिलिकॉन धातु की चिप होती है , जिस पर
सैकड़ों ट्रान्जिस्टर लगाये जा सकते हैं । इसके आविष्कार से कम्प्यूटर हार्डवेयर में क्रान्ति आयी , जिससे कम्प्यूटर का आकार , वजन कम हुआ एवं क्षमता , प्रोसेसिंग तथा विश्वसनीयता बढ़ी ।
इसी पीढ़ी में ही की - बोर्ड , मॉनीटर , प्रिन्टर , हार्ड - डिस्क एवं अन्य भण्डारण युक्तियाँ आई। तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में I.B.M. के 360 , 370,4300 , 3080 एवं PDP - 11 मुख्य हैं ।
( कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ )
5. चतुर्थ पीढ़ी ( Fourth generations ) - तृतीय पीढ़ी के प्रारम्भ में
SSI ( Small Scale Integration ) तकनीक प्रयुक्त की गयी ,
जिसमें 20-30 ट्रान्जिस्टरों को एक चिप पर लगाया गया । SSI तकनीक का सुधार कर नयी तकनीक
MSI ( Medium Scale Integration ) लायी गयी , जिसमें सैकड़ों ट्रान्जिस्टरों को एक ही चिप पर लगाया गया । MSI में सुधारकर LSI ( Large Scale Integration ) तकनीक लायी गयी । इसके उपरान्त इंटिग्रेशन तकनीक का उत्कृष्ट रूप VLSi ( Very Large Scale Integration ) आयी , जिसके द्वारा लाखो ट्रान्जिस्टरों को एक ही चिप पर लगाया जा सकता है । इसका प्रयोग करके पूरे
CPU ( Control Processing Unit ) को एक ही चिप पर बनाया जा सकता था ।
( कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ )
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चतुर्थ पीढ़ी Computer |
कम्प्यूटर का आकार बहुत छोटा , वजन हल्का हुआ । साथ ही साथ इसकी प्रयोग क्षमता एवं गति में बहुत बढ़ोत्तरी हुई । इस तकनीक से माइक्रोप्रोसेसर का विकास हुआ एवं माइक्रो कम्प्यूटर बाजार में आये । इस पीढ़ी का समयान्तराल
सन् 1971 से 1985 तक माना गया है । इसी पीढ़ी में अर्द्धचालक स्मृति
( RAM , ROM ) कलर मॉनीटर , स्कैनर , माउस एवं ऑडियो - वीडियो सिस्टम भी आये । चतुर्थ पीढ़ी के मुख्य कम्प्यूटरों में
इन्टेल के माइक्रोप्रोसेसर IBM के PC / AT , PC / XT एवं Cray - 1 हैं ।
के -1 ( Cray - I ) विश्व का सबसे पहला सुपर कम्प्यूटर था , जिसे क्रे ( Cray ) नामक व्यक्ति ने अपनी कम्पनी के रिसर्च में सन् 1974 में बनाया था ।
( कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ )
6. पंचम पीढ़ी ( Fifth generation ) - इसका समयान्तराल
सन् 1985 से वर्तमान समय तक माना गया है । इस पीढ़ी के कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता , डाटा भण्डारण तथा मुख्य मेमोरी की भण्डारण क्षमता में प्रत्येक वर्ष दुगनी एवं तिगुनी वृद्धि हुई ।
कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ इस पीढ़ी में
बहुत शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटर , लैपटॉप ( Laptop ) कम्प्यूटर , जेब में रखे जाने योग्य नोटपैड या पॉम टॉप ( PDAor Palm top ) एवं डिजिटल डायरी कम्प्यूटर आदि विभिन्न वैरायटी प्रयोगकर्ता ( User ) को उपलब्ध हुईं । इस पीढ़ी में अन्य हार्डवेयरों में वैव कैमरा , डिस्क ड्राइव , माइक्रोफोन , ऑप्टिकल डिस्क तथा कैश स्मृति आदि भी आये
। पंचम् पीढ़ी के कम्प्यूटरों में डेस्कटॉप कम्प्यूटर , पोर्टेबिल कम्प्यूटर , लैपटॉप कम्प्यूटर, रोबोट में कृतिम बुद्धि हेतु अविष्कार आदि मुख्य हैं ।
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पंचम पीढ़ी COMPUTER |
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कम्प्युटर के बारे में अच्छी जानकारी दी
Jai hind jai bharat