अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : लेविन
अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : लेविन
( Topological Theory of Learning )
तलरूप सिद्धान्त का प्रतिपादन पूर्णाकारवाद के प्रतिपादकों के मित्र कुर्टलेविन ने किया था । इसे संज्ञानात्मक सिद्धान्त भी कहते हैं । कुर्टलेविन के मत का आधार वातावरण में व्यक्ति की स्थिति है । लेविन के अनुसार- " व्यक्ति के व्यवहार को समझने के लिए , व्यक्ति की स्थिति को उद्देश्यों से सम्बन्धित मानचित्र में निर्धारित करने एवं प्रयत्नों की जानकारी आवश्यक है । " लेविन ने मानव व्यवहार को गणित के आधार पर समझाने पर प्रयत्न किया है ।अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
तलरूप सिद्धान्त में लेविन ने जीवन - विस्तार , शक्ति तथा बाधाओं पर विजय के प्रयत्न से प्रस्तुत किया है ।
( 1 ) जीवन विस्तार ( Life span )
जीवन विस्तार से अर्थ है उस वातावरण से , जिसमें व्यक्ति रहता है और निरन्तर प्रभावित होता है । जीवन में मानचित्र में व्यक्ति एक से दूसरे स्थान तक विचरण रहता है । इस वातावरण में व्यक्ति और उसके मनाविज्ञान का सम्बन्ध भी है । व्यक्ति अनेक कठिनाईयों का सामना करके उन पर विजय प्राप्त करता हुआ अपने लक्ष्य पर पहुँचता है इस चित्र से यह स्पष्ट हो जायेगा । इस चित्र में बालक ( C ) वातावरण में अनेक प्रकार की कठिनाइयों को हल करता हुआ अपने उद्देश्य ( G ) पर पहुँचता है । C उदव्य बाधाएँ चित्र : जीवन विस्तार
अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
( 2 ) शक्ति ( Valence )
मानव जीवन में व्यक्ति सदैव उद्देश्यों से प्रेरणा प्राप्त करता है । उद्देश्य कभी धनात्मक ( Positive ) और कभी ऋणात्मक ( Negative ) शक्तियाँ रखते हैं । धनात्मक उद्देश्य अर्थ यह है कि व्यक्ति उससे प्रेरित होकर उद्देश्य की ओर बढ़ता है । ऋणात्मक उद्देश्य से व्यक्ति पीछे हटता है । दिए गये चित्र से धनात्मक तथा ऋणात्मक शक्तियों का बोध स्पष्ट हो जायेगा । उद्देश्य चित्र : शक्ति का उपयोग तथा परिणाम
स्पष्ट है कि अधिगम के इस सिद्धान्त में बालक के समक्ष ऋणात्मक तथा धनात्मक शक्तियाँ उपस्थित रहती हैं जो अधिगम को प्रेरणा देती है ।
अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
( 3 ) अवरोध ( Barrier )
व्यक्ति अपने उद्देश्य तक सहज रूप में नहीं पहुँचता । उद्देश्य तक पहुँचने में उसके मार्ग में अनेक बाधाएँ उपस्थित होती हैं ये बाधाएँ व्यक्ति को सहज ही उद्देश्य प्राप्त नहीं करने देती । चित्र में स्पष्ट हो जायेगा ।
अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
चित्र से स्पष्ट है कि बालक तथा उद्देश्य के मध्य बाधाएँ आ गई हैं और वे बालक को उद्देश्य प्राप्त नहीं करने देती । यदि बालक की बाधाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रेरणा मिलती रहती है तो वह अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है अन्यथा निराश होकर बैठ जाता है । शिक्षक की आवश्यकता इसीलिए पड़ती है कि वह बालक को बाधाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रेरणा दे ।
लेविन की अधिगम की क्रिया में मनावैज्ञानिक वातावरण तथा प्रेरणा को अधिगम महत्व दिया गया है । लेविन ने अधिगम के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्त करने तथा लक्ष्य तक पहुँचने का उपाय भी बताया है , जैसा इस चित्र से स्पष्ट है । अधिगम का तलरूप सिद्धान्त : अधिगम के क्षेत्र सिद्धान्त
तलरूप सिद्धान्त : शिक्षा
( Topological Theory : Education )
तलरूप सिद्धान्त का मुख्य आधार है व्यक्ति , वातावरण बाधाओं पर विजय और उद्देश्य प्राप्ति , अतः शिक्षा के क्षेत्र में उसका उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है- 1. शिक्षक का कार्य अधिगम के लिए वातावरण उपस्थित करना है । यदि शिक्षक उचित वातावरण उपस्थित नहीं करेगा तो बालक के समक्ष अनेक ऐसी बाधाएँ आएँगी जिनसे घबराकर वह कार्य को अधूरा छोड़ देगा ।
- 2. शिक्षक को चाहिए कि वह समस्या का ज्ञान स्पष्ट रूप से छात्रों को दे । समस्या का स्पष्ट ज्ञान छात्रों को प्रेरणा देता है ।
- 3. शिक्षक को यह ध्यान रखना चाहिए कि पढ़ाई जाने वाली सामग्री का उद्देश्य छात्रों के अनुकूल हो । यदि पढ़ाये जाने वाले विषय का उद्देश्य बालक के मानसिक स्तर से ऊँचा हुआ तो अधिगम निष्फल हो जायेगा । बच्चों के समक्ष उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिये ।
- 4. किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पूर्व बालकों को उस कार्य को करने की प्रेरणा भी देनी चाहिए ।
- 5. बालकों की आवश्यकताएँ उनके शारीरिक तथा मानसिक विकास के साथ साथ बदलती रहती हैं । शिक्षक को चाहिये कि वह बालकों की आवश्यकताओं को समझें तथा उन्हें आवश्यक निर्देशन भी देवें ।
- 6. बालकों के मानसिक तनावों को दूर करें ।
- 7. विद्यालय तथा कक्षा का वातावरण उचित रूप से मनाया जाना चाहिए । अच्छा वातावरण अनेक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर देता है ।
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Nice
thanks