अवलोकन- अर्थ, परिभाषा एवं परिभाषा
अवलोकन पद्धति
अवलोकन पद्धति का प्रयोग अति प्राचीन काल से होने के कारण मोजर ने इसे वैज्ञानिक शोध की शास्त्रीय पद्धति कहा है।
अवलोकन का अर्थ
अवलोकन से आशय है-आँखों से देखना। इस प्रकार अवलोकन वह प्रणाली है जहाँ अवलोकनकर्ता स्वंय घटना स्थल पर जाकर अपनी आँखों से उन घटनाओं को देखता है और जानकारी प्राप्त करता हैं।
अवलोकन की परिभाषा
सी.ए.मोसर के शब्दों में "अवलोकन को स्पष्ट रूप से वैज्ञानिक अन्वेषण की एक शास्त्रीय विधि कह कहते हैं।
मोजर के शब्दों में "अवलोकन को सुन्दर ढंग के वैज्ञानिक जाँच-पड़ताल की पद्धति कहा जा सकता है। ठोस अर्थों मे अवलोकन मे कानों तथा वाणी की अपेक्षा आँखों का प्रयोग स्वतंत्र हैं।
अवलोकन पद्धति की विशेषताएं (avlokan ki visheshtaye)
1. प्रत्यक्ष पद्धति
सामाजिक शोध की दो पद्धतियां हैं- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष। अवलोकन सामाजिक शोध की प्रत्यक्ष पद्धति है, जिसमें शोधकर्ता सीधे अध्ययन वस्तु को देखता है और निष्कर्ष निकलता है।
2. सूक्ष्म, गहन एवं उद्देश्यपूर्ण अध्ययन
अवलोकन अध्ययन की वह विधि है जिसमें अध्ययन विषय एवं घटना का अति सूक्ष्म तथा गहन अध्ययन किया जाता है। इसमे घटनाओं की वास्तविक प्रकृति, उनकी गम्भीरता, विस्तार एवं परस्पर सम्बन्धों का सूक्ष्म अवलोकन करके ही वास्तविक तथ्यों का संकलन किया जाता है।
3. वैज्ञानिक पद्धति
अन्य पद्धतियों की तुलना मे अवलोकन पद्धति अधिक वैज्ञानिक है, क्योंकि इस पद्धति के द्वारा अपनी आँखों से देखकर सामग्री का संग्रहण किया जाता है। इसलिए इसमे वैज्ञानिकता पाई जाती हैं।
4. विश्वसनीय सामग्री
इसमे अनुसन्धानकर्ता सूचनाओं एवं तथ्यों को उसके स्वाभाविक रूप मे घटित होते देखकर संकलित करता हैं। फलस्वरूप संग्रहीत सामग्री सत्य एवं विश्वसनीय होती हैं।
5. सामूहिक व्यवहार का अध्ययन
अवलोकन प्रणाली का प्रयोग सामूहिक व्यवहार के अध्ययन के लिए किया जाता है।
6. कार्य-कारण सम्बन्ध का पता लगाना
वैज्ञानिक दृष्टि से अवलोकन द्वारा अनुसन्धानकर्ता विभिन्न घटनाओं मे पायी जाने वाली समस्याओं एवं असमानताओं तथा इसके विभिन्न कारकों अर्थात् किसी घटना के कारण एवं परिणाम मे पारस्परिक सम्बन्ध को ज्ञात करने का प्रयास करता हैं।
7. मानव इन्द्रियों का प्रयोग
अवलोकन पद्धति में मानव की इन्द्रियों का पूर्ण रूप से प्रयोग होता हैं क्योंकि शोधकर्ता सामाजिक घटना की आँखों देखी जांच पड़ताल करता हैं।
8. प्रयोगपूर्ण अध्ययन
सी. ए. मोजर ने अवलोकन को अनुभव या प्रयोग पर आधारित अध्ययन माना है, चाहे इसे सामूहिक व्यवहार जैसे- एक समुदाय के जीवन अथवा किसी विशेष क्रिया जैसे- समाचार पत्र पत्रिका पढ़ना आदि अध्ययन के लिए प्रयोग किया गया।
9. विचारपूर्वक किया जाने वाला अध्ययन
प्रसिद्ध विद्वान मेरी जहोदा एवं कुक का विचार है कि अवलोकन एक ऐसी विधि है जिसमें अवलोकनकर्ता स्वंय घटनाओं का विचारपूर्वक अध्ययन कर तथ्यों का संकलन करता हैं।
10. प्राथमिक सामग्री का संकलन
सामाजिक शोध मे जो सामग्री संग्रहीत की जाती है, उसे दो भागों मे विभाजित किया जा सकता है- प्राथमिक और द्धैतीयक। अवलोकन के द्वारा प्रत्यक्ष: सीधे सम्पर्क और सामाजिक तथ्यों का संग्रहण किया जाता है।